Cinderella Story in Hindi – बचपन में हमने दादी, नानी से बहुत सी परियों (fairy tale) की कहानियां सुनी है. यह कहानी बच्चों में तो बहुत हीं लोकप्रिय है | हमने इस कहानी में सिंड्रेला की कहानी को लिखा है | उम्मीद है आप सभी को सिंड्रेला की इस कहानी से अच्छी सीख मिलेगी |
एक बार की बात है, एक बहुत अमीर आदमी था और उसकी बहुत प्यारी और नेक दिल बेटी थी |
उस आदमी की पत्नी की मृत्यु हो गयी थी तो उसने ये सोच के दूसरी शादी कर ली ताकि उसकी बेटी की अच्छी माँ मिल सकेगी |
पर उसकी नयी पत्नी तो मतलबी और स्वार्थी निकली और उसकी भी दो बेटियां थीं जो बिलकुल उसके जैसी थीं | वो सब इतनी बद्तमीज़ और मतलबी थीं कि वो आदमी दुखी होकर काम करने के लिए उन से बहुत दूर चला गया |
अपनी बेटी को उसकी सौतेली माँ और बहनो के पास छोड़ के वो चला गया | बेचारी लड़की अपनी सौतेली माँ और सौतेली बहनो के साथ प्यार से रहती पर उन मतलबी लोगों ने उसे घर की नौकरानी बना दिया|
उन्होंने उसका नाम बदल के सिंड्रेला रख दिया क्यूंकि उसका चेहरा fireplace साफ़ करते वक़्त अंगारों की वजह से झुलस गया था.
तुम्हारे चेहरे पर हमेशा कोयला लगा रहता है! आज से हम तुम्हे सिंड्रेला बुलाएँगे!
सिंड्रेला !
हा हाहा हाहा हा!
एक दिन एक शाही दूत उनके घर आया
राजा और रानी ने इस घर में रहने वाली सभी लड़कियों को कल शाम एक Dance के लिए बुलाया है
राजा के बेटे यानी युवराज, सभी लड़कियों के साथ dance करेंगे और अपनी दुल्हन चुनेगें
निमंत्रण पाके सभी लोग बहुत खुश थे | मै युवराज की साथ नृत्य करना चाहती हूं!
सोतेली बहने सोच रही थी, काश वो मुझे चुन लिया अपनी पत्नी के रूप में ,
और उनकी माँ सोच रही थी ” मै तो बस यही चाहती हूँ कि मेरी बेटियां सब लड़कियों के बीच में सबसे अच्छी दिखें|
डांस वाले दिन सिंड्रेला की सौतेली माँ अपनी दोनों बेटियों के लिए सबसे अच्छे कपडे और जूते खरीद कर लायी पर वो सिंड्रेला के लिए कुछ नहीं लायी |
Cinderella ने माँ से कहा
माँ,
मै भी नयी कपडे पहनकर वहां जाना चाहती हूँ | मेरे पास कोई और कपडे नहीं हैं इनके अलावा |
माँ कहती है ,” सिंड्रेला, तुम्हारे लिए ये कपडे बिलकुल सही हैं”
क्यूंकि तुम एक नौकरानी हो और तुम तो जानती ही हो ना एक नौकरानी को युवराज के साथ नाचना नही चाहिए |
हा हा हा हाहाहा !
बेचारी सिंड्रेला!
वो घर में बैठकर रोती रही जबकि सब लोग पार्टी में के लिए चले गए | अचानक एक नेक और सुन्दर परी सामने आयी |
हेलो Cinderella !
अरे .
आप कौन हैं?
मै हूँ तुम्हारी परी माँ.
क्या तुम dance में जाना चाहती हो?
हाँ हाँ, जरूर |
मै जाना चाहती हूँ पर नहीं जा सकती.
मेरे पास पहनने के लिए अच्छे कपडे नहीं हैं, और वहां जाने के लिए गाड़ी भी नहीं है |
तुम्हारे पास वो सब कुछ होगा जो तुम्हे पार्टी में में जाने के लिए चाहिए ,
जैसे ही मै जादू की छड़ी घुमाऊँगी ! तुम्हे सब मिल जायेगा |
और Cinderella के पुराने कपडे एक चमकीले खूबसूरत पार्टी गाउन में बदल गए |
उसकी जूते नाज़ुक कांच की जूतों में बदल गयीं |
यह देखकर सिंड्रेला बोली , अरे? वाह! बहुत सुन्दर है |
फिर परी माँ सिंड्रेला को बगीचे में ले गयीं ,उन्होंने अपनी जादू की छड़ी घुमाई और एक कद्दू को एक चमकदार सोने की बग्गी में बदल दिया और बगीचे में खेलते चूहों को घोड़ों में बदल दिया |
एक चूहे को बग्गीवाला बना दिया और छिपकली को दरवान | अब सिंड्रेला बोली,” मै युवराज से मिलने जा सकती हूँ”
आप का धन्यवाद् परी माँ .
पारी माँ बोली, ” वहां मजे करना सिंड्रेला! पर आधी रात से पहले वापस आ जाना| क्यूंकि उसकी बाद मेरा जादू ख़त्म हो जायेगा और जो खूबसूरत कपडे तुमने पहने है , बग्गीवाला, और ये सहायक साथ ही ये घोड़े सब बिलकुल वैसे हो जाएंगे जैसे ये पहले थे |
मै आधी रात तक वापस आ जाउंगी परी माँ ,फिर मिलेंगे और सिंड्रेला पार्टी के लिए चली गयी |
Cinderella इतनी खूबसूरत लग रही थी की जब वो महल में पहुंची तो सब लोग उसे पलट पलट कर देखने लगे और युवराज को तो वो इतनी अच्छी लगी की वो सिर्फ उसी के साथ नाचना चाहता था |
क्या आप हमारे साथ dance करेंगी ?
हाँ जरूर!
किसी ने भी सिंड्रेला को नहीं पहचाना और वो युवराज के साथ डांस करके बहुत खुश थी |
युवराज को ऐसा लगा की वो सबसे नेक और खूबसूरत लड़कियों में से है | जो उसे अब तक मिली है.
वो लड़की कौन है?
युवराज सिर्फ उसी के साथ नाचना चाहते हैं | मैंने उसे पहले कभी नहीं देखा | वो ज़रूर कोई राजकुमारी या फिर बहुत ही अमीर लड़कि होगी |
समय का पता ही नहीं चला जब सिंड्रेला राजकुमार के साथ नाच रही थी और बहुत जल्द आधी रात भी होने वाली थी |
मुझे माफ़ करना युवराज,अब मेरे जाने का वक्त हो गया है |
जरा रुकिए!
मुझे अपना नाम तो बताईये ? कहाँ रहती हैं आप ताकि हम दोबारा मिल सकें? सिंड्रेला ने अपना नाम बताया और बापिस आ गयी |
सिंड्रेला अपने घर पहुँच गयी
जैसे ही घडी में १२ बजे और ठीक उसके बाद सारा जादू गायब हो गया | सिर्फ उसके पैरों का कांच का जूता नहीं बदला.
अगले ही दिन, शाही दूत,राजकुमार के साथ उसके घर आया |
ओह, राजकुमार आये हैं!
दोनों सौतेली बहने आपस में झगड़ने लगी |
उन्हें ज़रूर मुझसे करनी होगी!
नहीं! मुझसे!
दूत कांच का वो जूता लिए आ रहा था जो सिंड्रेला के पैर से गिर गया था.
हम इस जूते की मालकिन की तलाश में यहां आये हैं |
जिसके पैर में यह आएगा युवराज उससे ही शादी करेंगे |
ये जूता मेरा है!
उन् !
यह तो मेरे लिए बहुत बड़ा है!
उह्ह! मेरे पैर के लिए बहुत छोटी है!
राजकुमार ने सिंड्रेला को कोने में खड़े हुए देखा हालाँकि वो उस दिन से बिलकुल अलग लग रही थी,
फिर भी राजकुमार उसके पास चले गए, क्या आप इसे पहनकर हमें दिखाएंगी ?
वह आप ही हैं जो कल हमारे साथ नाच रहीं थी!
आप हमारी राजकुमारी हैं ?
हाँ , यही है राजकुमारी !
सिंड्रेला और राजकुमार की बहुत भव्य शादी हुई | उन्होंने सब लोगों को बुलाया किसी को भी नहीं छोड़ा
सिंड्रेला ने अपनी सौतेली बहनो को भी बुलाया और सौतेली माँ को भी जिन्होंने सिंड्रेला की तरह नेक और उदार बनने का फैसला किया|
फिर सिंड्रेला राजकुमार के घर चली गयी और दोनों हमेशा ख़ुशी ख़ुशी रहने लगे | Cinderella
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