Durga Chalisa is one of the most Popular daily worship hymns in Hinduism A devotee should chant Durga Chalisa paath in early morning or in evening to please Devi. Especially in Navratri Puja, this Durga Chalisa Lyrics, Paatha gives peace of mind, fills your mind with positive energy and protection from bad events in life.
as we pay homage to the divine Goddess Durga. Embrace the spiritual journey as you immerse yourself in the profound lyrics of this sacred hymn, which glorifies the prowess and compassion of the Supreme Mother.
durga chalisa lyrics in hindi । दुर्गा चालीसा हिंदी में
ॐ
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अम्बे दुःख हरनी।।१।।
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी।।२।।
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला।।३।।
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे।।४।।
तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना।।५।।
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला।।६।।
प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी।।७।।
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें।।८।।
रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि-मुनिन उबारा।।९।।
धरा रूप नरसिंह को अम्बा। प्रगट भईं फाड़कर खम्बा।।१०।।
रक्षा कर प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो।।११।।
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं।।१२।।
क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा।।१३।।
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी।।१४।।
मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता।।१५।।
श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी।।१६।।
केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी।।१७।।
कर में खप्पर-खड्ग विराजै। जाको देख काल डर भाजे।।१८।।
सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला।।१९।।
नगर कोटि में तुम्हीं विराजत। तिहुंलोक में डंका बाजत।।२०।।
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे।।२१।।
महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी।।२२।।
रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा।।२३।।
परी भीर सन्तन पर जब-जब। भई सहाय मातु तुम तब तब।।२४।।
अमरपुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका।।२५।।
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नर-नारी ।।२६।।
प्रेम भक्ति से जो यश गावै। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ।।२७।।
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई ।।२८।।
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी।।२९।।
शंकर आचारज तप कीनो। काम अरु क्रोध जीति सब लीनो ।।३०।।
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको।।३१।।
शक्ति रूप को मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो ।।३२।।
शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी।।३३।।
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा।।३४।।
मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो।।३५।।
आशा तृष्णा निपट सतावे। रिपु मूरख मोहि अति डर पावे।।३६।।
शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी।।३७।।
करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धि-सिद्धि दे करहु निहाला।।३८।।
जब लगि जियउं दया फल पाऊं। तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं।।३९।।
दुर्गा चालीसा जो नित गावै। सब सुख भोग परमपद पावै।।४०।।
देवीदास शरण निज जानी । करहु कृपा जगदम्ब भवानी।।४१।।
-श्रीदुर्गार्पणमस्तु-
दुर्गा चालीसा लिरिक्स हिंदी अर्थ सहित
॥ चौपाई॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो अम्बे दुख हरनी॥
हिंदी में अर्थ – सुख प्रदान करने वाली मां दुर्गा को मेरा नमस्कार है।
दुख हरने वाली मां श्री अम्बा को मेरा नमस्कार है।
निराकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी॥
हिंदी में अर्थ – आपकी ज्योति का प्रकाश असीम है,
जिसका तीनों लोको (पृथ्वी, आकाश, पाताल) में प्रकाश फैल रहा है।
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटी विकराला॥
हिंदी में अर्थ – आपका मस्तक चन्द्रमा के समान और मुख अति विशाल है।
नेत्र रक्तिम एवं भृकुटियां विकराल रूप वाली हैं।
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
हिंदी में अर्थ – मां दुर्गा का यह रूप अत्यधिक सुहावना है।
इसका दर्शन करने से भक्तजनों को परम सुख मिलता है।
तुम संसार शक्ति लय कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
हिंदी में अर्थ – संसार के सभी शक्तियों को आपने अपने में समेटा हुआ है।
जगत के पालन हेतु अन्न और धन प्रदान किया है।
अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
हिंदी में अर्थ – अन्नपूर्णा का रूप धारण कर आप ही जगत पालन करती हैं
और आदि सुन्दरी बाला के रूप में भी आप ही हैं।
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
हिंदी में अर्थ – प्रलयकाल में आप ही विश्व का नाश करती हैं।
भगवान शंकर की प्रिया गौरी-पार्वती भी आप ही हैं।
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
हिंदी में अर्थ – शिव व सभी योगी आपका गुणगान करते हैं।
ब्रह्मा-विष्णु सहित सभी देवता नित्य आपका ध्यान करते हैं।
रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
हिंदी में अर्थ – आपने ही मां सरस्वती का रूप धारण कर
ऋषि-मुनियों को सद्बुद्धि प्रदान की और उनका उद्धार किया।
धरा रूप नरसिंह को अम्बा।
प्रकट हुई फाड़कर खम्बा॥
हिंदी में अर्थ – हे अम्बे माता! आप ही ने श्री नरसिंह का रूप
धारण किया था और खम्बे को चीरकर प्रकट हुई थीं।
रक्षा करि प्रहलाद बचायो।
हिरणाकुश को स्वर्ग पठायो॥
हिंदी में अर्थ – आपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करके हिरण्यकश्यप को
स्वर्ग प्रदान किया, क्योकिं वह आपके हाथों मारा गया।
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
हिंदी में अर्थ – लक्ष्मीजी का रूप धारण कर आप ही क्षीरसागर में श्री नारायण के साथ शेषशय्या पर विराजमान हैं।
क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंदी में अर्थ – क्षीरसागर में भगवान विष्णु के साथ विराजमान हे
दयासिन्धु देवी! आप मेरे मन की आशाओं को पूर्ण करें।
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
हिंदी में अर्थ – हिंगलाज की देवी भवानी के रूप में आप ही प्रसिद्ध हैं।
आपकी महिमा का बखान नहीं किया जा सकता है।
मातंगी धूमावति माता।
भुवनेश्वरि बगला सुखदाता॥
हिंदी में अर्थ – मातंगी देवी और धूमावाती भी आप ही हैं
भुवनेश्वरी और बगलामुखी देवी के रूप में भी सुख की दाता आप ही हैं।
श्री भैरव तारा जग तारिणि।
छिन्न भाल भव दुख निवारिणि॥
हिंदी में अर्थ – श्री भैरवी और तारादेवी के रूप में आप जगत उद्धारक हैं।
छिन्नमस्ता के रूप में आप भवसागर के कष्ट दूर करती हैं।
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
हिंदी में अर्थ – वाहन के रूप में सिंह पर सवार हे भवानी!
लांगुर जैसे वीर आपकी अगवानी करते हैं।
कर में खप्पर खड्ग विराजे।
जाको देख काल डर भाजे॥
हिंदी में अर्थ – आपके हाथों में जब कालरूपी खप्पर व खड्ग होता है
तो उसे देखकर काल भी भयग्रस्त हो जाता है।
सोहे अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
हिंदी में अर्थ – हाथों में महाशक्तिशाली अस्त्र-शस्त्र और त्रिशूल उठाए हुए
आपके रूप को देख शत्रु के हृदय में शूल उठने लगते है।
नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहूं लोक में डंका बाजत॥
हिंदी में अर्थ – नगरकोट वाली देवी के रूप में आप ही विराजमान हैं।
तीनों लोकों में आपके नाम का डंका बजता है।
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥
हिंदी में अर्थ – हे मां! आपने शुम्भ और निशुम्भ जैसे राक्षसों का संहार किया व रक्तबीज (शुम्भ-निशुम्भ की सेना का एक राक्षस जिसे यह वरदान प्राप्त था की उसके रक्त की एक बूंद जमीन पर गिरने से सैंकड़ों राक्षस पैदा हो जाएंगे) तथा शंख राक्षस का भी वध किया।
महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
हिंदी में अर्थ – अति अभिमानी दैत्यराज महिषासुर के पापों के भार से जब धरती व्याकुल हो उठी।
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
हिंदी में अर्थ – तब काली का विकराल रूप धारण कर
आपने उस पापी का सेना सहित सर्वनाश कर दिया।
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
हिंदी में अर्थ – हे माता! संतजनों पर जब-जब विपदाएं आईं
तब-तब आपने अपने भक्तों की सहायता की है।
अमरपुरी अरु बासव लोका।
तव महिमा सब रहें अशोका॥
हिंदी में अर्थ – हे माता! जब तक ये अमरपुरी और सब लोक विधमान हैं
तब आपकी महिमा से सब शोकरहित रहेंगे।
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर नारी॥
हिंदी में अर्थ – हे मां! श्री ज्वालाजी में भी आप ही की ज्योति जल रही है।
नर-नारी सदा आपकी पुजा करते हैं।
प्रेम भक्ति से जो यश गावे।
दुख दारिद्र निकट नहिं आवे॥
हिंदी में अर्थ – प्रेम, श्रद्धा व भक्ति सेजों व्यक्ति आपका गुणगान करता है,
दुख व दरिद्रता उसके नजदीक नहीं आते।
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताको छूटि जाई॥
हिंदी में अर्थ – जो प्राणी निष्ठापूर्वक आपका ध्यान करता है
वह जन्म-मरण के बन्धन से निश्चित ही मुक्त हो जाता है।
जोगी सुर मुनि क़हत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
हिंदी में अर्थ – योगी, साधु, देवता और मुनिजन पुकार-पुकारकर कहते हैं
की आपकी शक्ति के बिना योग भी संभव नहीं है।
शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
हिंदी में अर्थ – शंकराचार्यजी ने आचारज नामक तप करके
काम, क्रोध, मद, लोभ आदि सबको जीत लिया।
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
हिंदी में अर्थ – उन्होने नित्य ही शंकर भगवान का ध्यान किया,
लेकिन आपका स्मरण कभी नहीं किया।
शक्ति रूप को मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछतायो॥
हिंदी में अर्थ – आपकी शक्ति का मर्म (भेद) वे नहीं जान पाए। जब उनकी शक्ति छिन गई, तब वे मन-ही-मन पछताने लगे।
शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
हिंदी में अर्थ – आपकी शरण आकार उनहोंने आपकी कीर्ति का
गुणगान करके जय जय जय जगदम्बा भवानी का उच्चारण किया।
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
हिंदी में अर्थ – हे आदि जगदम्बा जी! तब आपने प्रसन्न होकर
उनकी शक्ति उन्हें लौटाने में विलम्ब नहीं किया।
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुख मेरो॥
हिंदी में अर्थ – हे माता! मुझे चारों ओर से अनेक कष्टों ने घेर रखा है।
आपके अतिरिक्त इन दुखों को कौन हर सकेगा?
आशा तृष्णा निपट सतावें।
मोह मदादिक सब विनशावें॥
हिंदी में अर्थ – हे माता! आशा और तृष्णा मुझे निरन्तर सताती रहती हैं।
मोह, अहंकार, काम, क्रोध, ईर्ष्या भी दुखी करते हैं।
शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
हिंदी में अर्थ – हे भवानी! मैं एकचित होकर आपका
स्मरण करता हूँ। आप मेरे शत्रुओं का नाश कीजिए।
करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि सिद्धि दे करहु निहाला॥
हिंदी में अर्थ – हे दया बरसाने वाली अम्बे मां! मुझ पर कृपा
दृष्टि कीजिए और ऋद्धि-सिद्धि आदि प्रदान कर मुझे निहाल कीजिए।
जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ॥
हिंदी में अर्थ – हे माता! जब तक मैं जीवित रहूँ सदा आपकी
दया दृष्टि बनी रहे और आपकी यशगाथा (महिमा वर्णन) मैं सबको सुनाता रहूँ।
दुर्गा चालीसा जो नित गावै।
सब सुख भोग परम पद पावै॥
हिंदी में अर्थ – जो भी भक्त प्रेम व श्रद्धा से दुर्गा चालीसा का पाठ करेगा,
सब सुखों को भोगता हुआ परमपद को प्राप्त होगा।
देविदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
हिंदी में अर्थ – हे जगदमबा! हे भवानी! ‘देविदास’ को अपनी
शरण में जानकर उस पर कृपा कीजिए।
दुर्गा चालीसा आरती सहित । Maa Durga Aarti.
आरती श्री दुर्गा जी की
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्याम गौरी मैया जय आनन्द करणी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।। टेक।।
माँग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोऊ नैना चन्द्रबदन नीको।। जय ।।
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्त पुष्प गलमाला कण्ठन पर साजै ।। जय ।।
शुम्भ निशुम्भ विडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ।। जय ।।
चण्ड मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे सुर भयहीन करे ।।जय.।।
ब्राह्माणी रुद्राणी तुम कमलारानी।
अंगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी ।। जय ।।
चौंसठ योगिनी मंगल गावें नृत्य करत भैरू ।
बाजत ताल मृदंगा अरु बाजत डमरू ।। जय ।।
तुम हो जब की माता तुम ही हो भता।
संतन की दुखहर्ता सुख सम्पत्तिकर्त्ता ।। जय. ।।
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी ।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी।। जय ।।
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति।। जय ।।
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै।। जय ।।
durga chalisa lyrics in english
Om
Namo Namo durge sukh karni, Namo namo ambe dukh harni.
Nirankar hai jyoti tumhari, tihu lok phailee ujiyaari.
Shashi lalaat mukh mahavishaala, netra laal bhrikuti Vikrala
Roop maatu ko adhik suhaave, daras karat jan ati sukh paave.
Tum Sansar shakti lai keenha, paalan hetu anya dhan deena.
Annpurna hui jagpala, tum hi aadi sundari baala.
Pralaykaal sab naashan hari, tum gauri shiv shankar pyari.
shiv yogi tumhre gun gaave, bramha vishnu tumhenit dhyaavein
rup saraswati ka tum dhara, de subudhi rishi munin ubara.
dhara rup narshingh ko amba, prakat bhayi maa phor ke khambha.
raksha kar prahlad bachayo, hiranyach ko swrag pathayo.
lakshmi roop dharo jag mahi, shree narayan ang samahi.
cheer sindhu me karat vilasa,daya sindhu deeje man asha.
hinglaaj me tumhi bhavani, mahima amit na jae bakhani.
matangi dhoomavati mata, bhuvneswari bagla sukh data.
shee bhairav tara jag tarini, chinn bhal bhav dukh nivarani
kehari vahan soh bhavani, langur veer chalat agvani.
kar me khappar khadag viaje jako dekh kaal dar bhage.
sohe astra or trishula, jate uthat satru hiy shula.
nagar kot me tumhi virajat, tihun lok me danka bajat.
sumbh nisumbh daanav tum maare, raktbeej sankhan sanghare.
mahisasur nrip ati abhimani jehi aghvaar mahi akulaani.
roop karal kaal ko dhaara, sen sahit utm tehi sanhara.
pari bheer santan pe jab jab, bhayi sahaye matu tum tab tab.
amarpuri aru basabloka, tab mahima sab rahe asoka.
jwala me hai jyoti tumhari, tumhe sada puje nar nari.
prem bhakti se jo gun gave, dukh daridra nikat nahi aavein.
dhyaanvein tumhe jo nar man laayi, janm maran te so chut jayi.
jogi sur muni kahat pukari, yog na hoye bin shakti tumhari.
shankar acharaj tap keenho, kaam or krodh jet sab leeno.
nishdin dhyaan dharo shankar ko, kahu kaal nhi sumro tumko.
shakti rup ko maram na payo shakti gayi tab man pachtayo.
sharnagat hui eeti bakhani, jai jai jai jagdamb bhavani.
bhai prassan aadi jagdamba, dayi shakti nahi keen bilamba.
moko matu kast ati ghero, tum bin kon hare dukh mero
asha trashna nipat satave, ripu murakh mohi ati dar paave.
shatru naash keeje maharani sumro ikchit tumhe bhavani.
karahun kripa he maat dayala, ridhi sidhi de karat nihaala
jab lagi jiyun dayafal paun, tumhro yash me sada sunau.
durga chalisa jo nit gaave, sab sukh bhog param pad paave
Devidaas Sharan Nij Jaani, Karahu kripa Jagdamb Bhavaani.
Best 1000+ Good Morning Shayari
Dua Shayari Urdu | Best Urdu Shayari | Variety Urdu Shayari 2023
100+ मजेदार हिंदी पहेलियाँ। Hindi Paheliyan With Answer 2023
100+ Best Satya Vachan । Satya Vachan In Hindi 2023
Conclusion: We hope you find solace and strength in the enchanting verses of Durga Chalisa. Embrace the divine energy of Goddess Durga and let her grace guide you through life’s challenges. May the chanting of Durga Chalisa lyrics in Hindi bring prosperity, positivity, and protection into your life. Jai Mata Di!
We hope you understood Durga Chalisa Lyrics in Hindi । दुर्गा चालीसा आरती सहित both. If you have any issue regarding the lyrics of this song, please contact us.Thank You For Visiting my cgsonglyricz.in website i hope you come ! Again